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लेखनी कहानी -30-Apr-2022 अब हुआ इंसाफ

#शाॅर्ट स्टोरी चैलेंज 


जाॅनर  : सामाजिक 

अब हुआ इंसाफ  

अब हुआ इंसाफ

यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है जो गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में घटित हुई थी । कहानी में वर्णित घटना सत्य है मगर पात्रों के  नाम काल्पनिक हैं ।

अंजलि के घर पर बहुत चहल पहल थी । हो भी क्यों नहीं ? आखिर शादी जो थी उसकी आज । पूरा घर दुल्हन की तरह सजा हुआ था । घर का हर एक सदस्य बहुत व्यस्त था । अंजलि का मेकअप बहुत शानदार हुआ था । वह किसी अप्सरा की तरह लग रही थी । उसकी मां ने उसके काला टीका लगाया और नजर भी उतारी थी । अनुराग भी दूल्हे के रूप में बहुत जंच रहा था । दोनों की जोड़ी बहुत खूबसूरत लग रही थी । सब लोग उन्हें देखकर उनकी किस्मत पर रश्क कर रहे थे । 

फेरों से ऐन पहले अंजलि बिफर पड़ी । हंगामा खड़ा हो गया । लोगों ने माजरा पूछा तो बताया कि दूल्हे ने कार की मांग कर दी थी दहेज में । अंजलि पढ़ी लिखी लड़की थी । दहेज की मांग वह ऐसे कैसे सहन कर सकती थी । फिर वह जॉब भी कर रही थी तो वह आर्थिक रूप से कमजोर भी नहीं थी । हंगामा बरपा हुआ था । अंजलि ने घोषणा कर दी कि वह दहेज लोलुप अनुराग से शादी नहीं करेगी । 

पुलिस को फोन भी अंजलि ने ही किया । दूल्हे और उसके घरवाले हक्के बक्के रह गए। उन्होंने बहुत सफाई दी कि हमने ऐसी कोई मांग नहीं की है और हम लोग अब भी बिना दहेज शादी करने को तैयार हैं । लेकिन उनकी बात पर कोई विश्वास नहीं कर रहा था । 

अंजलि ने मीडिया को भी फोन कर दिया था । एक पत्रकार तुरंत आ गया । उसने अंजलि का इंटरव्यू लिया । अंजलि ने साफ साफ कहा कि वर पक्ष को 25 लाख रुपए का दहेज दिया है इसके बावजूद वह एक कार मांग और कर रहा है । मैं ऐसे दहेज लोभियों से शादी नहीं करना चाहती हूं चाहे जिंदगी भर कुंवारी बैठी रहूंगी पर इस भेड़िए से शादी नहीं करूंगी । 

यह समाचार जंगल की आग की तरह चारों ओर फैल गया। न्यूज चैनल पर यह समाचार ब्रेकिंग न्यूज के रूप में चलने लगा । अब तो बाकी के चैनलों में होड़ लग गई थी। अंजलि के पास सारे मीडिया चैनल वाले आ गये । अंजलि भी अपने साथ हुए अत्याचार की कहानी बड़ी तफसील से सुनाती थी। किसी भी चैनल वाले ने अनुराग एवं उसके परिवार वाले से नहीं पूछा कि क्या उन्होंने कार की मांग की थी या नहीं ? दहेज में 25 लाख रुपए लिये थे या नहीं ? 

भारत में कानून महिलाओं के पक्ष में है । वह चाहे कितना ही बड़ा झूठा आरोप क्यों ना लगा दे ? उसकी बात को ही सच माना जायेगा । पुरूष से पूछा ही नहीं जायेगा कि घटना क्या है । यह स्वत: मान लिया जायेगा कि उसने दहेज मांगा होगा । मार पीट की होगी । पुरुष चाहे कितनी भी दुहाई देता फिरे कि उसने न कुछ कहा है और न ही कुछ किया है । दहेज की बात तो बिलकुल ही झूठी है मगर उसकी बात " नक्कारखाने में तूती " की तरह दब जायेगी । 

बारात बैरंग वापस लौट गई ।‌अनुराग के पापा को दिल का दौरा पड़ा । एक नामी अस्पताल में भर्ती करवाया गया । बीस लाख रूपए खर्च होने के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका । अनुराग, उसकी मां , बहिन को जेल में डाल‌ दिया गया । अनुराग एक एम एन सी में अच्छे पद पर था । उसको नौकरी से निकाल दिया । उसकी मम्मी सरकारी स्कूल में अध्यापिका थी । जेल में रहने के कारण उसे निलंबित कर दिया गया । अनुराग की मां और बहन को उच्च न्यायालय से बड़ी  मुश्किल से जमानत मिल पाई थी लेकिन अनुराग को एक साल बाद जमानत मिली । अनुराग का पूरा परिवार बर्बाद हो चुका था ।‌

अंजलि के लिए बड़ी मुश्किल से एक प्रस्ताव आया । अभिजीत और अंजलि की शादी हो गई । 

कोर्ट में केस चलता रहा । आठ दस साल लगना तो बहुत मामूली सी बात है इस देश में इंसाफ के लिए। इस केस में आठ साल बाद फैसला आया । अंजलि का पूरा केस झूठा पाया गया । वस्तुत: अंजलि और अभिजीत एक दूसरे से प्रेम करते थे । विजातीय होने के कारण घरवाले इस शादी के लिए तैयार नहीं थे । अंजलि ने एक प्लान बनाया और उसने अनुराग से शादी की हामी भर दी । ठीक शादी के दिन उसने दहेज का झूठा आरोप लगा कर शादी नहीं करने की बात कहकर मीडिया और समाज में " हीरो" बन गई । मीडिया ने उसे शेरनी की तरह प्रस्तुत किया । देखते ही देखते वह लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल बन गयी । चैनलों में वह उसी दुल्हन के मेकअप में गई और सारा दोष अनुराग , उसके मम्मी पापा और उसकी बहन पर डाल दिया । पुलिस और मीडिया ने अपना काम बखूबी किया । अनुराग और उसके घरवालों को दहेज लोभी घोषित कर दिया गया था। 

आठ साल बाद केस का फैसला हुआ । दहेज के कोई सबूत नहीं पाये‌ गये  । न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि अंजलि ने यह शादी तोड़ने के लिए अनुराग और उसके परिवार वालों पर झूठे आरोप लगाए थे जिनमें कोई दम नहीं है । कोर्ट ने अपने निर्णय में अंकित किया था कि काश वे अंजलि के खिलाफ कोई कार्यवाही कर सकते । हालांकि कोर्ट अंजली के खिलाफ केस दर्ज कर सकती थी मगर ऐसा होता कहाँ है ।

इस केस के कारण अनुराग की नौकरी छूट गई । एक साल जेल में रहा । उसके पिताजी दिल का दौरा पड़ने से मर गये थे  । इलाज में बीस लाख रूपए खर्च हो गए थे और वो कंगाल हो गए थे । उसकी मां सस्पेंड हो गई और मां तथा बहिन को जेल में रहना पड़ा । पूरा परिवार बर्बाद हो गया था इस झूठे केस से मगर कौन सुने ? यहाँ इंसाफ ऐसा ही होता है ।

अंजलि को तो ईनाम मिल गया इस पूरे ड्रामे का । उसे उसका प्यार अभिजीत मिल चुका था । वह तो निहाल हो गई थी । मुसीबत तो अनुराग और उसके परिजनों की थी।

इस देश में हमने पुलिस , मीडिया और न्यायालयों का न्याय देखा ।  लेकिन यह भूल गए कि सबसे बड़ी अदालत का न्याय होना अभी बाकी है । उसकी निगाहों से कुछ भी छुपा नहीं रहता है । ऊपर वाले की जब लाठी चलती है तो वह आवाज नहीं करती है । 

अंजलि की भाभी ने भी ठीक यही आरोप अंजलि के मम्मी, पापा, और परिवार वालों पर लगाए । अब अंजली को पता चला कि झूठे आरोपों का अंजाम कैसा होता है । जिन पर दहेज के झूठे आरोप होते हैं उन पर क्या गुजरती है । अंजलि के पापा, मम्मी, भाई अब सब जेल में हैं । अंजलि भी जेल में ही दाल दल रही है । 

अब हुआ है सही इंसाफ । जब यहाँ की अदालतें फेल हो जाती हैं तब ऊपर वाले की अदालत न्याय करती है

अब हुआ इंसाफ । मुझे तो अब आनंद आ रहा है । दुष्टों को दंडित देखकर मुझे बड़ा आनंद मिलता है ।


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10 Comments

kashish

12-Feb-2023 02:56 PM

nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

12-Feb-2023 10:39 PM

बहुत बहुत आभार मैम

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sunanda

01-Feb-2023 03:09 PM

very nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

12-Feb-2023 10:38 PM

बहुत बहुत आभार मैम

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Waseem khan

01-May-2022 02:13 AM

Wonderful

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Hari Shanker Goyal "Hari"

01-May-2022 05:32 AM

💐💐🙏🙏

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